तो क्या !!
- merikalamse
- Sep 9, 2017
- 1 min read

यूँ छिप छिप कर रोया नही करते, ये अनमोल मोती यूँ खोया नही करते कुछ ख्वाब टूट गए तो क्या !! ख़्वाबों के मरने से, इंसान नही मरा करते
हो तेरा लक्ष्य, ज्यों विशाल वृक्ष्य पतझड़ आये तो क्या !! पत्तों के झड़ने से, वृक्ष नही झड़ा करते ख़्वाबों के मरने से, इंसान नही मरा करते
मंजिल पर रख नजर, यूँ बाज़ की तरह राह भटके तो क्या !! तुफानो के आने से, बाज़ नही डरा करते ख़्वाबों के मरने से, इंसान नही मरा करते
रख हौसला, यूँ आसमानो की तरह काले बादल छाये तो क्या !! बिजलियों के गिरने से, आसमान नही गिरा करते
यूँ छिप छिप कर रोया नही करते, ख़्वाबों के मरने से, इंसान नही मरा करते....

Σχόλια