एक जहाँ और भी है
- merikalamse
- Aug 28, 2017
- 1 min read
Updated: Sep 4, 2017

आसमां के उस पार एक जहाँ और भी है मंजिल पर है तू मगर, एक राह और भी है रुकता क्यों है तू अभी से, तेरी एक चाह और भी है आसमां के उस पार एक जहाँ और भी है
ख्वाब जो देखे थे तूने, सच वो सारे करदिए
पल वो सारे खुशिओं के, जीवन में अपने भर दिए आंख क्यों खोलता है अभी से, तेरा एक ख्वाब और भी है आसमां के उस पार एक जहाँ और भी है
अंत नही है ये, नई एक शुरुवात है ये जीवन के सच से तेरी मुलाक़ात है ये बैठता क्यों है तू अभी से, नया एक लक्ष्य और भी है मंजिल पर है तू मगर एक राह और भी है आसमां के उस पार एक जहाँ और भी है...

Thankyou
Ant nahi hai yeh...beautiful!
Thoughtful! Well framed!